1400 बरस पहले जब हमारे प्यारे नबी (स) इस दुनिया से
रुखसत हुए थे, उस वक़्त मदीने की गलियों में एक मर्द और एक औरत घर घर जा कर लोगो को
खुदा के एक बेहतरीन निजाम “विलायत” के बारे में याद दहानी करा रहे थे, जिसके बारे
में हुजुर (स) ने कुछ ही दिनों पहले अपने आखरी हज से लौटते वक़्त लोगो को “ग़दीर”
नाम की जगह पर जमा कर के बताया था, और कहा था की अगर दुनिया और आखिरत में सरबुलंद
रहना चाहते हो तो निज़ामे विलायत को मजबूती से थामे रहना. और कहा की “अल्लाह
तुम्हारा वली है, मैं तुम्हारा वली हुआ और मेरे बाद अल्लाह की जनीब से इमाम अली
(अ) तुम्हारे वली है.”
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10 Sept 2015
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हक़ आया बातिल गया
हक़ आया बातिल गया
1400 बरस पहले जब हमारे प्यारे नबी (स) इस दुनिया से रुखसत हुए थे, उस वक़्त मदीने की गलियों में एक मर्द और एक औरत घर घर जा कर लोगो को ख...