Showing posts with label ईद. Show all posts
Showing posts with label ईद. Show all posts

4 Oct 2015

ईद-ए-ग़दीर क्या है?


18 ज़िल्हज्ज की तारीख आते ही “ईद-ए-ग़दीर मुबारक” के मेसेज व्हाट्स अप पर आने लगते है; लेकिन इन मेसेज में ईद के बारे में कम और किसी दूसरी कौम / बिरादरी पर तंज़ ज्यादा नज़र आते है. क्या ईद-ए-ग़दीर की यही हकीक़त है की हम दुसरो पर अपने बढ़ावे को साबित करे या दुसरो को जहन्नुमी बता कर उन पर तंज़ कसे. क्या यही ग़दीर की हकीक़त है?

इसी सवाल के जवाब में जब मैंने ग़दीर के रोज़ के रसूले अकरम (स) के खुतबे पर नज़र की तो ऐसा कुछ नहीं मिला जिसमे हुजुर (स) ने दुसरो पर तंज़ कसा हो या किसी कौम का मज़ाक उड़ाया हो. बल्कि इसके उलट रसुलेखुदा (स) के दिल के अन्दर का लोगो का प्यार नज़र आया; जिसकी वजह से वो किसी भी चीज़ की परवाह किये बगैर अल्लाह का पैग़ाम लोगो तक पहुचने में जल्दी करते नज़र आए ताकि पैग़ामे खुदा लोगो तक पहुचे जिससे उन्हें राहे हक मिल जाए.

ईद-ए-ग़दीर क्या है? ईद-ए-ग़दीर क्या है?

18 ज़िल्हज्ज की तारीख आते ही “ईद-ए-ग़दीर मुबारक” के मेसेज व्हाट्स अप पर आने लगते है; लेकिन इन मेसेज में ईद के बारे में कम और किसी ...

Contact Form

Name

Email *

Message *

Comments