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“नस्ल
और नसब की फजीलत सिर्फ तब है जब इंसान मुत्तकी हो, वरना नहीं!”
अल
काफी में इमाम जाफ़र सादिक (अ) फरमाते है के जब रसुलेखुदा (स) ने मक्का फतह किया तो
आप कोहे सफा पर तशरीफ़ लाए गए और फ़रमाया:
ऐ
बनी हाशिम! ऐ बनी अब्दुल मुत्तलिब,...
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11 May 2015
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Sayyad ki Ghair Sayyad se Shadi

“नस्ल और नसब की फजीलत सिर्फ तब है जब इंसान मुत्तकी हो, वरना नहीं!” अल काफी में इमाम जाफ़र सादिक (अ) फरमाते है के जब रसुलेखुदा (स) ने ...