13 रजब का जुलूस, मसला-ए-जैनाबिया और कौम के जवान
अगर हमें किसी कौम के जिंदा
या मुर्दा होने की जांच करनी है तो देखना होगा की उसके जवान किन मुद्दों को ले कर
हस्ससियत दिखा रहे है. अगर मुआशरे में जिन पॉइंट्स पर बात चल रही है वो कौम के
भलाई के लिए है और उन मुद्दों पर कौम के बुज़ुर्ग और उलेमा साथ है तो समझे की कौम एक सही राह पर आगे बढ़ रही हैं; लेकिन अगर जवान तैश में आ कर कोई मुद्दे को अपने मन
से, और बग़ैर किसी बुज़ुर्ग / आलिम की रहनुमाई के हस्ससियत दिखा रहे है और उसे जीने या मरने की
बात समझ रहे है, तो समझिये की कौम की लीडरशिप सही हाथो में नहीं है और फ्यूचर साफ़
नज़र नहीं आ रहा है.