- क्या VP साहब को अपनी जाती ज़िन्दगी में दीन पर अमल करना चाहिए की नहीं?
- अपने लड़के की शादी में दमके पार्टी आयोजित करने वाले दोस्तों को VP साहब मन नहीं कर सकते थे क्या?
- जिस VP के घर में दीन नहीं है क्या वो पूरी जमात के नौजवानों के दीन की ज़िम्मेदारी ले कर ओलेमा पर पाबन्दी लगा सकता है क्या?
जिस दीन पर VP साहब अमल कर रहे है उसके हिसाब से कुछ ऐसी हालत बनती है:
"मैं कुछ भी करू तुझे क्या?
तु कुछ भी करे, मुझे क्या?"
- क्या ऐसे लोग दीनी मरकज़ के VP की पोजीशन पर अब भी बकी रहने लायक़ है?
- क्या इन जैसे लोगो को हम जमात का प्रेसिडेंट बनाना पसंद करेगे?
तहरीर: अब्बास हिंदी