3 Nov 2016
Rusumaat aur Olema ki behurmati
11 Oct 2016
करबला - इंकेलाबी या रुसुमी?
Karbala – Inqelabi ya Rusumi?
9 Oct 2016
Muharram aur Mazloom ki Himayat
*शब्बीर अगर तेरी अज़ादारी ना होती..*
*मज़लूम की दुनिया में तरफदारी ना होती।*
यह जुमले नदीम सरवर के नौहे के बंद नहीं बल्कि मुहर्रम में और अपनी ज़िन्दगी में हर मज़लूम के लिए आवाज़ उठाने के लिए पैग़ाम है।
लेकिन अफ़सोस, इन्ही मुहर्रम के दिनों में *ज़ालिम सऊदी हुकूमत* मज़लूम *यमन* पर _*अमेरिका, बर्तानिया और इजराइल*_ की मदद से हमले कर के हज़ारों मज़्लूमो की जान ले रहा है और हमारे मिम्बर खामोश है।
*अपने आप से सवाल करीये ऐसा क्यों?* 🤔🤔
क्या हमने हमारे ज़ाकिरो से इस मसले पर बात करी?
क्या ज़ाकिरो को यह एहसास है कि हम ज़िंदा क़ौम है और दुनिया में हो रहे मसाएल से बाख़बर है?
अगर हमने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो आज ही अपने मकामी ज़ाकिर से कहिये की *मुहर्रम के इन मुक़द्दस दिनों में शोहोदा ए यमन पर रौशनी डाले। अगर ज़ाकिर को इस मौज़ू के बारे में पता नहीं है तो वे पता कर के इस ज़रुरी बात को रखे*
हमारी बेदारी हमे ज़िंदा रखेगी और हमारी आने वाली नस्लो तक मुहर्रम का पैग़ाम पहुँचेगा।
www.qaumihalaat.in
रुसुमात और ओलेमा की बेहुरमती
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करबला - इंकेलाबी या रुसुमी?
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Karbala ke waqye ko dekha jaae to har ek Shaheed apni jaan dene ke liye tayyar nazar aata hai. Shabe Aashur sabhi maae aur behne apne bach...
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